बी आर हिल्स या बिलगिरी रंगना हिल्स पश्चिमी घाट की पूर्वी सीमा पर
स्थित एक पर्वतीय श्रंखला है। पूर्वी और पश्चिमी घाट के मिलन बिन्दु पर
स्थित यह श्रंखला एक विस्तृत पारिस्थितिकी तंत्र को जन्म देती है। बिलगिरी
रंगना हिल्स का नामकरण एक श्वेत पर्वत की चोटी पर स्थित रंगास्वामी मंदिर
के नाम पर पड़ा है।ये पहाड़ियां चामराजनगर जिले में तमिलनाडु से छूती
कर्नाटक की दक्षिण पूर्वी सीमा पर स्थित हैं।
पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर
बीआर हिल्स एक तीर्थ स्थान है, सुंदर बिलगिरी रंगास्वामी मंदिर को धन्यवाद।
मंदिर सफेद पहाड़ी की चोटी पर स्थित है अतः इस चोटी का नाम भी बिली गिरी
पड़ गया तथा इस मंदिर में स्थापित आराध्य को बिलीगिरी रंगा कहा जाता है।यह
भगवान रंगनाथ को समर्पित है; यहाँ उनको एक अनोखी मुद्रा में खड़े हुए
दिखाया गया है तथा साथ में उनकी सहचरी भी हैं। अप्रैल में मंदिर में होने
वाला उत्सव लाखों पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
पर्यटक व स्थानीय जनजातियां इस दौरान ईश्वर के मंदिर में साथ-साथ
दिखाई देना उनके बीच के सांस्कृतिक विभेदों के मिलन का आदर्श प्रस्तुत करता
है तथा जिसे देखकर आगन्तुक गदगद हो उठते हैं।
पारिस्थितिकी तंत्र में वन्यजीवन
बिलिगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभ्यारण्य या संक्षेप में बी आर टी
वन्यजीव अभयारण्य ( या बी आर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य )का विस्तार लगभग 539
वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। 5091 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह प्राकृतिक
रिजर्व पश्चिमी और पूर्वी घाटों को जोड़ने वाली पहाड़ी पर स्थित है। यहां
शुष्क और पर्णपाती वनस्पतियों से लेकर सदाबहार वनस्पतियों समेत कई किस्में
पायी जाती हैं।
पौध जीवन की विविधता यहां बड़ी संख्या में पाये जाने वाले पशुओं के
लिए एक बड़ा सहारा सिद्ध होते हैं। इस वन्यजीव अभयारण्य की सीमाएं तमिलनाडु
के इरोड जिले में स्थित सत्यमंगलम वन्यजीव अभयारण्य के साथ जुड़ी हैं।
यहां जंगलों में गौर , भालू , चीतल , सांभर , बाघ, तेंदुए , जंगली कुत्ते ,
हाथी और चार सींग वाले मृग पाये जाते हैं।
अभयारण्य में कलगी ईगल , सफेद पंखों वाला तैसा और रैकेट पूंछ वाला ड्रान्गो सहित 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का आश्रय है।
और साहसिक कृत्यों के लिए
बीआर हिल्स साहसिक खेलों जैसे ट्रैकिंग और राफ्टिंग के लिए अच्छा अवसर
उपलब्ध कराती हैं तथा इन इन पहाड़ियों से होकर बहती कावेरी और कपिला नदियां
मछली पकड़ने एवं नाव की सवारी करने का अवसर प्रदान करती हैं।
बीआर हिल्स की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
आप चाहे किसी तीर्थ यात्रा पर जा रहे हों या एक रोमांचक छुट्टी की तलाश में
हों, बीआर हिल्स आपके लिए एक आदर्श गंतव्य हो सकती हैं। यदि आप मंदिर की
यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आप अप्रैल में इस मंदिर की यात्रा कर
सकते हैं, क्योंकि यह समय कार त्योहार का समय होता है।
यदि आपकी योजना वन्यजीव अभ्यारण्य को देखने की है, तो जून से अक्टूबर तक का
समय सबसे बेहतर होता है क्योंकि इस समय वर्षा के कारण वन्य जीवन सामने आ
जाता है। शांत और सुखद छुट्टियां बिताने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए यह
स्थान आदर्श स्थान है !
बीआर हिल्स कैसे पहुंचे यह
हवाई, सड़क और रेल मार्ग से सुलभ है।
सड़क मार्ग
बीआर हिल्स के लिए मैसूर, कोलेगल, कंकापुरा तथा चामराजनगर जैसे नजदीकी
शहरों व कस्बों के लिए बसें उपलब्ध हैं। पर्यटक बंगलौर से गंतव्य पहुंचने
के लिए के.एस.आर.टी.सी.( कर्नाटक राज्य परिवहन निगम), डीलक्स,वोल्वो तथा
सुपर फास्ट पर्यटक बसें ले सकते हैं।
ट्रेन द्वारा
बीआर हिल्स के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 82 किमी की दूरी पर स्थित
मैसूर रेलवे स्टेशन है। यहां पहुंचकर बी आर हिल्स तक के लिए पर्यटक
टैक्सी, कैब या बसें ले सकते हैं।
एयर द्वारा
मैसूर हवाई अड्डा सबसे नजदीकी घरेलू हवाई अड्डा है जो बी आर हिल्स को भारत
के प्रमुख शहरों जैसे मुम्बई तथा चेन्नई आदि से जोड़ता है। बी आर हिल्स से
इसकी दूरी लगभग 80 किमी है। लगभग 217 किमी की दूरी पर स्थित बंगलौर
अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हिल्स की सबसे नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
है। यूरोप,एशिया,अमेरिका तथा मध्य पूर्व से आने वाले पर्यटकों के लिए
बंगलौर हवाई अड्डा बिल्कुल आदर्श है।
बीआर हिल्स इसलिए है प्रसिद्ध
hill-station
wildlife
१. बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर, बीआर हिल्स
बी.आर. हिल्स की यात्रा में यात्रियों को पर्वतीय श्रंखला पर स्थित
बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर अवश्य देखना चाहिए। बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर
भगवान वेंकटेश को समर्पित है। पूरे भारत में भगवान रंगनाथ को समर्पित
मंदिरों में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां आराध्य की मूर्ति खड़ी अवस्था
में है। मुख्य देवता की मूर्ति के अलावा, मंदिर में देवता की अर्धांगिनी,
रंगनायकी की भी मूर्ति है।
प्रत्येक शुक्रवार को यहां एक खास पूजा का आयोजन किया जाता है।
श्रीवैष्णव मत के अनुयायियों के लिए बिलीगिरी रंगास्वामी मंदिर का बड़ा
महत्व है, क्योंकि इस क्षेत्र की स्थानीय जनजातियां दो वर्ष में एक बार
भगवान रंगनाथ को एक फुट 9 इंच लम्बी खाल की चप्पलें भेंट करते हैं।
अप्रैल में वैशाख के समय इस तीर्थ स्थल पर होने वाला कार उत्सव(रथ
उत्सव) भारत के सभी भागों से हजारों की संख्या में भक्तों को यहां आने के
लिए मजबूर करता है।
२.डोडा शम्पीज मारा, बीआर हिल्स
यदि समय मिले तो पर्यटक बीआर हिल्स की यात्रा के दौरान डोडा शम्पीज भी
देख सकते हैं। अंग्रेजी में इसको 'बिग चम्पक ट्री' कहते हैं। यह पेड़ लगभग
34 मीटर ऊंचा तथा 20 मीटर चौड़ा है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, यह पेड़
लगभग 2000 साल से ज्यादा पुराना है। डोडा शम्पीज मारा बीआर हिल्स से लगभग 4
किमी दूर मंदिर के भीतर स्थित है। यहां पहुंचने पर, पर्यटकों को आस पास के
क्षेत्र में कई लिंगम देखने को मिलेंगे।
डोडा शम्पीज मारा सोलिगा जनजाती और अन्य मूल निवासी के लिए बहुत
महत्वपूर्ण है। अप्रैल के महीने में इस पेड़ पर लाल और पीले रंग के फूल
खिलते हैं। पेड़ की शाखाएं चोटी की तरह होती हैं इसलिए इसकी तुलना भगवान
शिव से की जाती है। सोलिगा जनजातियों के लिए डोडा शम्पीज मारा एक देवता हैं
जो महाशिवरात्रि के मौके पर फायर डान्स करते हैं।
वृक्ष सोलिगा जनजाती की जीवन शैली को दर्शाता है जिसमें प्रकृति मां के साथ
उनका संबंध शामिल है। कावेरी नदी की सहायक नदी भारगवी नदी इस वृक्ष के तने
से बहती है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह जलधारा प्रसिद्ध हिन्दु साधु
जामदगनी की पत्नी रेणुका का मानवीयकरण है।
३.बीआरटी वन्यजीव अभ्यारण्य, बीआर हिल्स
बी.आर.टी वन्यजीव अभ्यारण्य बी आर हिल्स का मुख्य आकर्षण हैं तथा
कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्र में तुंगभद्रा और कावेरी नदी के मध्य स्थित
हैं। अन्य नाम बिलगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में जानी
जाने वाली ये पहाड़ियां समुद्र तल से 5091 फिट की ऊंचाई पर स्थित हैं तथा
इनका विस्तार 540 स्कावयर किमी क्षेत्र में है।
यह अभ्यारण्य वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित है। इस
अभ्यारण्य की योजना बनाने वाले पर्यटकों को यहां विभिन्न प्रकार की वन्यजीव
व वनस्पतियां देखने को मिलेंगी। बी.आर.टी वन्य जीव अभ्यारण्य में हाथी,
सांभर, लुप्तप्राय बाघ तथा गौर और ऐसे कई अन्य वन्य जीव देखने को मिल
जायेंगे। अभ्यारण्य में तितलियों की लगभग 116 प्रजातियां एव सरीसृपों की 22
प्रजातियां पायी जाती हैं।
इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 225 प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ
अर्थात् सीटी मारने वाली चिड़िया, पीले गले वाली बुलबुल, रैकेट पूंछ वाला
ड्रोंगो,क्रेस्टेड हाक ईगल, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, पहाड़ी मैना समेत कई
अन्य शामिल हैं। जहां तक वनस्पतियों की किस्मों का संबंध है, बी आर टी
वन्यजीव अभयारण्य में सदाबहार, शुष्क साफ़, चरागाह वनस्पति, पर्णपाती और
सवाना वन पाये जाते हैं।
इन सभी चीजों को देखने के लिए पर्यटकों के लिए जीप सफारी एवं हाथी की सवारी
उपलब्ध रहती हैं। विभिन्न वनस्पतियों और जीव प्रजातियों को देखने के
अतिरिक्त, पर्यटक यहां शौकिया मछली पकड़ने, बोटिंग करने, पेशेवर रूप में
मछली पकड़ने जैसी साहसिक गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं। बीआरटी वन्यजीव
अभयारण्य के लिए यात्रा के बारे में सोच रहे पर्यटकों को इस स्थान का दौरा
अक्टूबर से मई तक करना चाहिए।
होटल
Jungle Lodges K Gudi Wilderness Camp,बीआर हिल्स
सुविधाएं
Though nestled amidst wilderness, K Gudi Wilderness Camp has numerous
facilities to offer to the visitors. The camp has a Gol Ghar, an
open-to- sides edifice, which is the guests dining area. It is an ideal
setting to enjoy ones meal in the middle of nature.
The food is sumptuous and delectable with a local flavour. The regular
buffet includes both vegetarian and non-vegetarian Indian delicacies.
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