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Friday, 8 January 2021

माउंट आबू – आश्चर्य से भरा एक पर्वत (Mount Abu)

 


माउंट आबू राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित एक प्रसिद्द हिल स्टेशन है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, आरामदायक जलवायु, हरी भरी पहाड़ियों, निर्मल झीलों, वास्तुशिल्पीय दृष्टि से सुंदर मंदिरों और अनेक धार्मिक स्थानों के लिए प्रसिद्द है। यह स्थान जैनियों के प्रसिद्द तीर्थ स्थानों में से एक है। यह हिल स्टेशन अरावली पर्वत की सबसे ऊँची चोटी पर 1220 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
 
 माउंट आबू अपने शानदार इतिहास, प्राचीन पुरातात्विक स्थलों और अद्भुत मौसम के कारण राजस्थान के पर्यटन के आकर्षणों में सबसे बड़ा है। अधिकांशतः गर्मियों में और मानसून के दौरान यहाँ प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक और भक्त आते हैं। पिछले दशकों में यह हिल स्टेशन गर्मियों और हनीमून के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है।

 

पौराणिक कथाओं में माउंट

  आबू इस स्थान को ‘अर्बुदरान्य’ भी कहा जाता है, जिसका नाम नाग देवता ‘अर्बुदा’ के नाम पर पड़ा। किवदंतियों के अनुसार भगवान शिव के पवित्र बैल नंदी की रक्षा करने के लिए नागदेवता इस पहाड़ी के नीचे आए थे। अर्बुदारन्य का नाम बाद में बदलकर ‘अबू पर्वत’ या ‘माउंट आबू’ कर दिया गया। ऐतिहासिक रूप से यह स्थान गुर्जरों या गुज्जरों द्वारा बसाया गया और अर्बुदा पर्वत के साथ इनका जुड़ाव इस क्षेत्र में पाए जाने वाले शास्त्रों और शिलालेखों में दिखता है।

 माउंट आबू में पर्यटन स्थलों का भ्रमण 

 इस स्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल नक्की झील, सनसेट पॉइंट, टोड रॉक, अबू रोड का शहर, गुरू शिखर चोटी और माउंट आबू वन्य जीवन अभयारण्य हैं। माउंट आबू में धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के अनेक स्मारक हैं जिनमें मुख्य रूप से दिलवारा के जैन मंदिर, आधार देवी मंदिर, दूध बावडी, श्री रघुनाथ जी मंदिर और अचलगढ़ किला आते हैं। 

माउंट आबू पहुँचना

  माउंट आबू रास्ते, रेल और वायुमार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। वायुमार्ग द्वारा यहाँ पहुँचने के लिए पर्यटक उदयपुर की उड़ान ले सकते हैं जो यहाँ से लगभग 185 किमी. की दूरी पर है। यहाँ वर्ष भर मौसम खुशनुमा रहता है हालांकि इस स्थान की सैर के लिए गर्मियों का मौसम सबसे अच्छा है।
  

कैसे पहुंचें माउंट आबू

 सड़क मार्ग

 नियमित बस और टैक्सी सेवा द्वारा इस शहर तक रास्ते द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। कई प्रमुख भारतीय शहरों जैसे नई दिल्ली, मुंबई, जयपुर, उदयपुर और अहमदाबाद से माउंट आबू के लिए बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। यात्रियों की भीड़ के अनुसार बसों की आवृत्ति दैनिक से साप्ताहिक होती है। बस का किराया बस की सुविधाओं और आराम पर निर्भर करता है।

 ट्रेन द्वारा

 माउंट आबू तक रेल द्वारा पहुँचा जा सकता है जहाँ निकटतम रेलवे स्टेशन अबू रोड़ शहर है जो 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। अबू रोड़ स्टेशन दो बड़े महानगरों मुंबई और नई दिल्ली को जोड़ने वाले मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है। यहाँ से कई मुख्य शहरों जैसे बेंगलुरू, हैदराबाद, नई दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, मुंबई, जयपुर, देहरादून और त्रिवेंद्रम के लिए रेल सेवा उपलब्ध है।

 एयर द्वारा

 हवाई मार्ग द्वारा माउंट आबू पहुँचने के लिए आप उदयपुर की उड़ान ले सकते हैं जो माउंट आबू का निकटतम हवाई अड्डा है। उदयपुर हवाई अड्डा इस शहर से 185 किमी. की दूरी पर स्थित है। एक अन्य उपलब्ध विकल्प यह है कि आप गुजरात के अहमदाबाद की उड़ान ले सकते हैं। गुजरात की इस राजधानी से सभी प्रमुख भारतीय शहरों के लिए उड़ाने उपलब्ध हैं। गुजरात का हवाई अड्डा माउंट आबू से 221 किमी. की दूरी पर स्थित है और यहाँ से हिल स्टेशन के लिए परिवहन सुविधा आसानी से उपलब्ध है। 

माउंट आबू इसलिए है प्रसिद्ध 

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 १. गुरू शिखर चोटी, माउंट आबू

 


गुरू शिखर चोटी अरावली क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी है जो माउंट आबू से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह 1722 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पर्यटक इस भव्य शानदार चोटी पर पैदल ही जाते हैं। यात्री पहाड़ की चोटी से अरावली क्षेत्र का पूरा दृश्य देख सकते हैं।
 
 गुरू दत्तात्रय मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो इस पर्वत की चोटी पर स्थित है।यह मंदिर भगवान दत्तात्रय को समर्पित है जो दिव्य त्रिमूर्ति भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। इस पर्वत पर स्थित अन्य मंदिर शिव मंदिर, मीरा मंदिर और चामुंडी मंदिर है। इन मंदिरों के अलावा यहाँ वेधशाला भी है जहाँ से खगोलीय पिंडों की भूमि आधारित अवरक्त टिप्पणियाँ की जा सकती हैं। वेधशाला फिज़िकल रिसर्च लेबोरेटरी (पीआरएल) के प्रशासन के अधीन है।

 २.सनसेट पॉइंट, माउंट आबू

 



सनसेट पॉइंट माउंट आबू का शाम के पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है जो नक्की झील के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इस स्थान की पृष्ठभूमि में सुंदर पहाड़ हैं, जो देखने में सुंदर लगते हैं, विशेषत: सूर्यास्त के समय।
 
 गर्मियों के मौसम में यह स्थान पर्यटन का एक लोकप्रिय आकर्षण रहता है क्योंकि बड़ी संख्या में यात्री इस स्थान के आरामदायक ठंडे परिवेश का आनंद उठाने के लिए यहाँ आते हैं। शॉपिंग में रूचि रखने वाले लोग पास स्थित हनीमून पॉइंट पर जा सकते हैं जो अपनी शिल्पकृतियों और खाने के स्थानों के लिए प्रसिद्द है। इस स्थान से पर्यटक यादगार के रूप में छोटी लकड़ी की मूर्तियाँ, आभूषण और खिलौने खरीद सकते हैं।

 ३.दिलवारा जैन मंदिर, माउंट आबू

 



  11 वीं और 13वीं शताब्दी में बने हुए दिलवारा जैन मंदिर माउंट आबू के ऐसे पर्यटन स्थल हैं, पर्यटकों को जिनका भ्रमण अवश्य करना चाहिए। ये मंदिर सफेद संगमरमर की नक्काशियों से बने हैं। ये मंदिर पाँच नाज़ुक नक्काशियों वाले मंदिरों से मिलकर बने हैं और संपूर्ण राजस्थान में ये सबसे सुंदर माने जाते हैं।
 
 सभी पाँच मंदिर एक दूसरे से भिन्न हैं जिनमें से प्रत्येक का नाम राजस्थान के एक गाँव के नाम पर रखा गया है। ये पाँच मंदिर हैं विमल वसाही मंदिर, लुना वसाही मंदिर, पीथालहर मंदिर, खरतार वसाही मंदिर और श्री महावीर स्वामी मंदिर। बड़ी संख्या में जैन भक्त यहाँ तीर्थंकरों (संत) के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने यहाँ आते हैं।
 
 इन मंदिरों की स्थापत्यकला की उत्कृष्टता का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ आते हैं। इन मंदिरों के बारे में अधिक जानने के लिए आप किराए पर गाइड (मार्गदर्शक) की सेवा भी ले सकते हैं। दिलवारा के जैन मंदिर माउंट आबू से ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं और यहाँ तक रास्ते द्वारा पहुँचा जा सकता है।
 

४. नक्की झील, माउंट आबू


नक्की झील माउंट आबू का एक अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहाँ अनेक पर्यटक और स्थानीय लोग आते हैं। यह 1200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और भारत की एकमात्र कृत्रिम झील है। यह एक सुंदर और शांत स्थान है जिसकी पृष्ठभूमि में सुरम्य पहाडियाँ हैं। इस झील का नाम एक किवदंती के आधार पर पड़ा जिसके अनुसार इस झील की खुदाई देवों ने अपने नाखूनों से की थी जिससे वे दुष्ट राक्षसों से अपनी रक्षा कर सकें। एक अन्य किवदंती के अनुसार इस झील की खुदाई दिलवारा जैन मंदिर के एक मूर्तिकार रसिया बालम ने एक रात में की थी।
 

पर्यटक गाँधी घाट का भ्रमण भी कर सकते हैं जो महात्मा गाँधी की याद में बनाया गया था। 12 फरवरी 1948 को उनकी राख इस झील में विसर्जित की गई। इस झील के पास कई चट्टानी पर्वत हैं जो पर्यटकों और साहसिक कार्यों के प्रेमियों को रॉक क्लाइम्बिंग का अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा आप यहाँ बोटिंग(नाव की सवारी) भी कर सकते हैं और इस झील के शांत और स्थिर पानी का आनंद उठा सकते हैं।

 ५.टोड रॉक, माउंट आबू

 



टोड रॉक माउंट आबू का एक जाना माना पर्यटन स्थल है जो नक्की झील के पास स्थित एक बड़ी चट्टान है। यह पहाड़ी शहर से मुख्य ट्रेकिंग के रास्ते पर स्थित है। इस बुलंद चट्टान का आकार मेंढक से मिलता है अत: इसे टोड रॉक कहा जाता है।
 
 इसके अलावा इस टोड रॉक के आसपास कई चट्टानी संरचनाएँ हैं जिनमें प्रमुख रूप से कैमल रॉक, नंदी रॉक और नून रॉक आते हैं। ये चट्टानें ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त है। इस चट्टानों के ऊपर पहुँचने पर ट्रैकर्स (पदयात्री) नक्की झील और उसके परिवेश का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।

६. माउंट आबू वन्य जीवन अभयारण्य, माउंट आबू

 


इस हिल स्टेशन की सैर के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए माउंट आबू वन्य जीवन अभयारण्य एक अवश्य देखने योग्य स्थान है। यह अभ्यारण्य अरावली पर्वत श्रेणियों में स्थित है और यह 19 किमी. लंबे और 5 – 8 किमी. चौड़े पठार पर स्थित है। 
 
1960 में इसे वन्य जीवन अभ्यारण्य घोषित किया गया। यहाँ पर्यटक विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और जीवजन्तु देख सकते हैं जो प्रकृति प्रेमियों और वन्य जीवन उत्साहियों के लिए एक दावत के समान है। माउंट आबू वन्य जीवन अभयारण्य में फूलों की विविधता पाई जाती है। यहाँ लगभग 820 प्रजाति के पौधे पाए जाते हैं। यहाँ ऑर्किड फूलों की बड़ी विविधता भी पाई जाती है।
 
 हरियाली से घिरे होने के अलावा यह अभयारण्य अपने जीवजन्तुओं के लिए भी प्रसिद्द है। वन्यजीव प्रेमी यहाँ अनेक अद्वितीय और दुर्लभ प्रजातियों के जानवर देख सकते हैं। पहले इन पहाड़ों पर शेर और बाघ मिलते थे परंतु अब यहाँ केवल तेंदुएं मिलते हैं। फिर भी यहाँ अन्य जंगली प्रजातियां जैसे सांबर डियर, जंगली सुअर, भालू, सियार, भारतीय लोमड़ी, भेड़िया, हायना, छोटी भारतीय सीविट और जंगली बिल्ली पाए जाते हैं।

 ७. मोगली लैंड, माउंट आबू


अभी कुछ समय पहले ही माउंट आबू में आरन गाँव से 800 मीटर दूर पुरानी सभ्यता के अवशेष मिले हैं। वन अधिकारियों के एक समूह को इस स्थान की खुदाई के दौरान प्राचीन बर्तन और ईंटें मिली हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि ये अवशेष 1000 वर्ष से भी ज़्यादा पुराने हैं जो उस समय के यात्रियों के आराम करने की जगह थी। 
 
 अब इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इस स्थान को मोगली लैंड कहा जाता है क्योंकि जंगल का यह स्थान रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्द पुस्तक ‘द जंगल बुक’ के चित्र से मिलता जुलता है। इस पुस्तक में प्रमुख किरदार ‘मोगली’ था।

 ८.अबू रोड़, माउंट आबू



अबू रोड़, राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित एक शहर है। यह माउंट आबू के दक्षिण पूर्व में स्थित है। पहले यह शहर खराड़ी के नाम से जाना जाता था। अबू रोड़ सिरोही जिले का सबसे बड़ा शहर है जो समुद्र सतह से औसतन 263 मीटर की ऊँचाई पर बनास नदी के किनारे स्थित है। अबू रोड़ के कुछ प्रमुख पर्यटन आकर्षण गणेश मंदिर, ब्रह्म कुमारी आश्रम, चन्द्रावती मंदिर और भद्रकाली मंदिर हैं।

 ९.अंचलगढ़, माउंट आबू


अंचलगढ़ राजमाची में स्थित एक छोटा गाँव है। यह अंचलगढ़ किले के लिए प्रसिद्द है जो माउंट आबू से 11 किमी. की दूरी पर स्थित है। वे पर्यटक जो इस हिल स्टेशन की सैर के लिए आते हैं वे अंचलगढ़ किले के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण यहाँ अवश्य आते हैं। मूल रूप से परमार वंश के राजाओं द्वारा बनाए गए इस किले का पुनर्निर्माण ईसा पश्चात 1452 में मेवाड़ के राजा राणा कुम्भा द्वारा किया गया।. 
 
अंचलगढ़ किले के परिसर में अंचलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा विश्वास है कि इस मंदिर में स्थित चट्टान पर भगवान के पदचिन्ह हैं। इस मंदिर में भगवान शिव के बैल नंदी की पीतल की बड़ी मूर्ति और पत्थर की भैसों की तीन बड़ी मूर्तियाँ भी स्थित है। इस किले में कई जैन मंदिर भी हैं जो इस स्थान के धार्मिक महत्व को बढ़ाते हैं। मंदिर के दो मुख्य प्रवेश द्वार हैं एक हनुमानपोल और दूसरा चंपापोल। अंचलगढ़ किले का निर्माण शत्रुओं से इस क्षेत्र से रक्षा करने के लिए बनाया गया था जिससे निवासी सुरक्षित रह सकें।

१०. शंकर मठ, माउंट आबू



शंकर मठ एक भव्य पत्थर से बना हुआ शिवलिंग है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण लगभग 25 वर्ष पूर्व हुआ था। यह स्थान माउंट आबू के मुख्य बाज़ार के पास स्थित है। शंकर मठ माउंट आबू का प्रसिद्द धार्मिक आकर्षण है जिसका नेतृत्व स्वामी महेशानंदजी गिरी करते हैं।

 ११. ऋषिकेश मंदिर, माउंट आबू


ऋषिकेश मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो अर्धचंद्राकार पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 7000 वर्ष पूर्व राजा अमरीश ने किया था, जिसने माउंट आबू में अमरावती सभ्यता की स्थापना की। इस मंदिर का नाम राजा अमरीश के इष्ट देवता भगवान ऋषिकेश के नाम पर पड़ा। किवदंती के अनुसार राजा 100 अश्वमेघ यज्ञ करने में सफल हुआ जिससे भगवान इंद्र क्रोधित हो गए और उन्होंने राजा पर आक्रमण कर दिया। हालांकि भगवान ऋषिकेश ने राजा अमरीश को भगवान इंद्र के क्रोध से बचा लिया।

 १२.श्री रघुनाथ जी मंदिर, माउंट आबू

 

श्री रघुनाथ जी मंदिर माउंट आबू का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आकर्षण है जो नक्की झील के किनारे स्थित है। कह जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में हिंदू पंडित श्री रामानंद ने करवाया था। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में बड़ी संख्या में वे भक्त आते हैं जो हिंदू धर्म के वैष्णव पंथ के अनुयायी हैं।
 
 भित्ति चित्रों और जटिल नक्काशियों से सुसज्जित यह मंदिर मारवाड़ की संस्कृति और वास्तुकला की विरासत का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण श्री रघुनाथ जी की भव्य मूर्ति है। भक्तों के अलावा यहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते हैं। नक्की झील का भ्रमण करने के लिए आने वाले पर्यटक श्री रघुनाथ जी मंदिर का भ्रमण भी करते हैं ताकि वे स्थापत्य प्रतिभा के गवाह बन सकें।

 होटेल्स 

१. Hotel Hillock,माउंट आबू

 


अवलोकन विवरण

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 २.Rising Sun Retreat

 

सुविधाएं

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 Laundry service
 Room service from 7 am to 10 pm
 Doctor on call 
Travel assistance for local sightseeing by cab, bus or by two wheeler Car Parking Traditional Rajasthani cuisine

 


 

माउंट आबू फोटो

 














 
 


 


 

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